हज़रत बाबा कुतबुद्दीन बखतियार काकी जो हुज़ूर
सुलतानुल हिंद ख़्वाजा गरीब नवाज़ के
आला खलीफा है
एक मर्तबा आप के पास मुरीदो की भीड़ लगी हुई थी आप ने एक शख्स
को बुलाया और कहा 5 दिरहम ले मेरे कफन
की चोरी मत करना
( वो कफन चोर था ) उसने
कहा हुज़ूर तौबा करता हू कभी चोरी नही
करूँगा वो वहा से चला गया आप दुनिया से
पर्दा फ़रमा गये आप की नमाज़े जनाज़ा
शरायत के मुताबिक पढाई गई वो शख्स भी
शामिल था मिट्टी के वक़्त भी शामिल था
जब सारे लोग चले आये तब ये शख्स सोचने लगा
पीर साहब का कफन चुरा लू तो पैसे और बड़ जाएंगे
जैसे ही उसने कब्र खोदना शुरू की तो देखता
किया है कबर से खुशबु आ रही है क्यू न खुशबू
आये कि हमारे नबी की जलवानुमाई हो गई है
जिस मर्दे मोमिन की कबर मे नबी की जलवा
गरी हो जाये उसकी कबर से खुशबू आती ही रहेगी इंशा अल्लाह
उसने जैसे ही कफन पर हाथ लगाने की कोशिश
की आप ने उसका हाथ पकड़ लिया वो ज़ोर
ज़ोर से चिल्लाने लगा सरकार छोड़ दो नही
तो मै मर जाऊँगा आप ने फ़रमाया एक जन्नती
हो कर जन्नती का कफन चुराने आया है उसने
कहा हुज़ूर मै कैसे जन्नती हो गया हू मै तो
बहोत गुनाह गार हू आप के मना करने के बाद
भी आप के कफन की चोरी करने चला आया आप
तो मरने के बाद भी ज़िंदा है आप ने इरशाद फ़रमाया
जा चला जा पूरी दिल्ली मे ऐलान कर दे
जिस जिस ने कुतबुद्दीन की नमाज़े जनाज़ा
मे शिरकत फ़रमाई अल्लाह ने सब के गुनाहो
को माफ़ कर दिया है और सब को जन्नत मे
दाखिल फ़रमा लिया है
माशा अल्लाह क्या शान है अल्लाह के वलीयों की
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