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Thursday, 21 January 2016

हुज़ूर सय्यिदुना शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी,

➡हुज़ूर सय्यिदुना शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी, ग़ौसुस्सक़लैन रदीअल्लाहो तआला अन्हो क़सीदए ग़ौसिय्या में अपने मुरीदों को दिलासा देते हुए इर्शाद फ़रमाते हैं:
➡"ऐं मेरे मुरीद! तू मत ड़र, अल्लाह करीम मेरा रब हैं, उसने मुझे रिफ़्अत व बुलन्दी अत़ा फ़रमाई हैं और मैं अपनी उम्मीदों को पहुंचता हूं"!

➡और फ़रमाते हैं:
"अल्लाह तआला के तमाम शहर और मुल्क मेरी निगाह में राई के दाने की त़रह़ हैं और मेरे हुक्मे इत्तिसाल में हैं"!
(क़सीदए ग़ौसिय्या, सफ़ह़ा-1)

मरने से पहले तौबा की बशारत

➡शैख़ अबू सउद अब्दुल्लाह रह़मतुल्लाह तआला अलैहे बयान करते हैं:
"हमारे शैख़ मुह़युद्दीन अब्दुल क़ादिर जीलानी रदीअल्लाहो तआला अन्हो अपने मुरीदों के लिए क़यामत तक इस बात के ज़ामिन हैं कि इनमें से कोई भी तौबा किये बग़ैर नही मरेगा"!
(बहजतुल असरार, सफ़ह़ा-191)

जन्नत की बशारत

➡ह़ज़रते सय्यिदुना शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी, कुत़्बे रब्बानी, शहन्शाहे बग़दाद रदीअल्लाहो तआला अन्हो ने फ़रमाया:
"मैने दोज़ख के दारोगा ह़ज़रते मालिक अलैहिस्सलाम से दरयाफ़्त किया कि 'क्या तुम्हारे पास मेरा कोई मुरीद हैं'?
उन्होने कहा: 'नही"!

➡आप रदीअल्लाहो तआला अन्हो ने फ़रमाया: "मुझे मेरे माबूद अज़्ज़वजल की इज़्ज़तो जलाल की क़सम मेरा हाथ मेरे मुरीद पर ऐसा हैं जिस त़रह़ आसमान ज़मीन के ऊपर हैं, अगर मेरा मुरीद उम्दा नही तो क्या हुआ मैं तो उम्दा हूं"!

➡फिर आप रदीअल्लाहो तआला अन्हो ने फ़रमाया: "मुझे अपने रब तआला की इज़्ज़तो जलाल की क़सम, मेरे क़दम मेरे रब तआला के सामने बराबर रुके रहेंगे यहां तक कि मुझको और तुमको जन्नत की त़रफ़ ले जाएंगे"!
(बहजतुल असरार, सफ़ह़ा-193)

सात पुश्तों तक नज़रे करम

➡सरकारे बग़दाद, हुज़ूर ग़ौसे पाक रदीअल्लाहो तआला अन्हो फ़रमाते हैं कि:
"मैं अपने मुरीद के मुरीदों का सात पुश्त तक हर एक अम्र का ज़िम्मेदार हूं और अगर मेरे मुरीद का सत्र मशरिक़ में खुल जाए और मैं मग़रिब में हूं तो उसको छुपाता हूं"!
(बहजतुल असरार, सफ़ह़ा-191)
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✨अल्लाह पाक़ इस मुबारक महीने के सदके सरकार गौसे पाक़ के सदके
हुज़ूर ताज्जुशशरिया साहब क़िबला
की उम्र व सेहत में खूब खुब बरकतें अता फ़रमाये । आमीन ✨

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