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Monday, 25 January 2016

•»DILER WA BAHADUR«•

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HIQAYAT:-
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Ek Din Hazrat Ali Radi-Allahu-Ta'aala-Anhu Ne Logon Se Khade Hoker Farmaya, Bhala Tum Jaante Ho Tamaam Logon May Zyada Bahadur Aur Shuja Kaun Hain?
Haazirin Ne Jawab Diya, Janab Aap! Farmaya Nahi! Balki Sabse Zyada Dilaer Wa Bahadur Abu-Bakr Siddiq Radi-Allahu-Ta'aala-Anhu The!
Iska Imtehaan Yun Hua Ki Jab Badr Ki Ladayi Pesh Aayi To Hamne Huzoor SALLALLAHU-TA'A
ALA-ALAIHI-WASALLAM Keliye Ek Chapper Taiyyar Kiya! Huzoor Ko Wahan Baithaker Kaha Ki Huzoor Ki Paasbani Aur Hifazat Keliye Kaun Shaks Khada Hoga? Taaki Booth-Parasti Mayse Koi Shaks Aapke Paas Na Pahuch Sake!
Main Kasam Khaker Kehta Hoon Ki Us Waqt Sirf Abu-Bakr Siddiq Hi Aage Bade Aur Aapke Sir-A-Mubarak Ke Paas Nanggi Talwar Liye Khade Rahe!
(Nujjahtul Majalis Jild-2, Pg-310)
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SABAK:-
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Hazrat Siddiq-A-Akbar Radi-Allahu-Ta'aala-Anhu Sabse Zyada Sakhi Aur Sabse Zyada Himmat Wale Bhi The! Is Baat Ke Gawah Khud Hazrat Maula Ali Radi-Allahu-Ta'aala-Anhu Hain!
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Thursday, 21 January 2016

MERE AALAHAZRAT FARMAATE HAI....

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Dushman e Ahmed pe shiddat kijiye

Mulhido ki kya muravvat kijiye.

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Ghais me jal jaaye be deeno k dil

Ya rasoolALLAH ki kasrat kijiye

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Saaf zahir hai k Aalahazrat ka maslak yahi h k Jo ahmed e mukhtaar ka dushman hai uspe shiddat karna hi deen e islam hai aur Jo mere Nabi k gustaq ya dushman hai unke lie jinke dil me narmi ho ya shiddat na ho woh Aalahazrat k maslak se nahi h qk Aalahazrat ne wohi likha Jo Quran ne dars diya aur Jo sunnat e umar e farooque h k ghaddaro pe saqti farmaate the

 Ab koi kahe k Wahabi devbandiyo ko bura kahna zaroori nahi woh samjh le unki soch Quran o sunnat k mutabiq nahi bulki aisi bejaa qayaas aarayi ki bunyad sirf unki tabiyat ki Khushi se h Jo k iman ko kamzor karne wali hai..

हुज़ूर सय्यिदुना शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी,

➡हुज़ूर सय्यिदुना शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी, ग़ौसुस्सक़लैन रदीअल्लाहो तआला अन्हो क़सीदए ग़ौसिय्या में अपने मुरीदों को दिलासा देते हुए इर्शाद फ़रमाते हैं:
➡"ऐं मेरे मुरीद! तू मत ड़र, अल्लाह करीम मेरा रब हैं, उसने मुझे रिफ़्अत व बुलन्दी अत़ा फ़रमाई हैं और मैं अपनी उम्मीदों को पहुंचता हूं"!

➡और फ़रमाते हैं:
"अल्लाह तआला के तमाम शहर और मुल्क मेरी निगाह में राई के दाने की त़रह़ हैं और मेरे हुक्मे इत्तिसाल में हैं"!
(क़सीदए ग़ौसिय्या, सफ़ह़ा-1)

मरने से पहले तौबा की बशारत

➡शैख़ अबू सउद अब्दुल्लाह रह़मतुल्लाह तआला अलैहे बयान करते हैं:
"हमारे शैख़ मुह़युद्दीन अब्दुल क़ादिर जीलानी रदीअल्लाहो तआला अन्हो अपने मुरीदों के लिए क़यामत तक इस बात के ज़ामिन हैं कि इनमें से कोई भी तौबा किये बग़ैर नही मरेगा"!
(बहजतुल असरार, सफ़ह़ा-191)

जन्नत की बशारत

➡ह़ज़रते सय्यिदुना शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी, कुत़्बे रब्बानी, शहन्शाहे बग़दाद रदीअल्लाहो तआला अन्हो ने फ़रमाया:
"मैने दोज़ख के दारोगा ह़ज़रते मालिक अलैहिस्सलाम से दरयाफ़्त किया कि 'क्या तुम्हारे पास मेरा कोई मुरीद हैं'?
उन्होने कहा: 'नही"!

➡आप रदीअल्लाहो तआला अन्हो ने फ़रमाया: "मुझे मेरे माबूद अज़्ज़वजल की इज़्ज़तो जलाल की क़सम मेरा हाथ मेरे मुरीद पर ऐसा हैं जिस त़रह़ आसमान ज़मीन के ऊपर हैं, अगर मेरा मुरीद उम्दा नही तो क्या हुआ मैं तो उम्दा हूं"!

➡फिर आप रदीअल्लाहो तआला अन्हो ने फ़रमाया: "मुझे अपने रब तआला की इज़्ज़तो जलाल की क़सम, मेरे क़दम मेरे रब तआला के सामने बराबर रुके रहेंगे यहां तक कि मुझको और तुमको जन्नत की त़रफ़ ले जाएंगे"!
(बहजतुल असरार, सफ़ह़ा-193)

सात पुश्तों तक नज़रे करम

➡सरकारे बग़दाद, हुज़ूर ग़ौसे पाक रदीअल्लाहो तआला अन्हो फ़रमाते हैं कि:
"मैं अपने मुरीद के मुरीदों का सात पुश्त तक हर एक अम्र का ज़िम्मेदार हूं और अगर मेरे मुरीद का सत्र मशरिक़ में खुल जाए और मैं मग़रिब में हूं तो उसको छुपाता हूं"!
(बहजतुल असरार, सफ़ह़ा-191)
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✨अल्लाह पाक़ इस मुबारक महीने के सदके सरकार गौसे पाक़ के सदके
हुज़ूर ताज्जुशशरिया साहब क़िबला
की उम्र व सेहत में खूब खुब बरकतें अता फ़रमाये । आमीन ✨

Deen aur Nasl

जिस गांव में बारिश न हो वहाँ
की फसले खराब हो जाती हैं

और जिस घर में दीन न हो वहाँ
की नस्ले खराब हो जाती है...

Thursday, 7 January 2016

Contd....

MUKAASHAFATUL QULOOB

BAAB  63

Part  4

HAZRAT NABI E KAREEM ﷺ se marwi hai , AAPNE farmaya beshak tum mein se baaz woh hai jo namaaz padhte hai magar unki namaaz mein se tihaayi yaa chauthaayi yaa paanchwa yaa chatta hissa yahaan tak ke AAPNE daswein hisse tak gina aur farmaya sawaab likha jaata hai yaani namaaz mein se usi hissa ka sawaab milta hai jisko woh mukammal  yaksui aur tawajjoh se padhta hai.
HUZOOR ﷺ se marwi hai, AAPNE farmaya jis shakhs ne ALLAH TA'ALA ki taraf mutawajjah hokar mukammal yaksui se do rakaat namaaz adaa ki woh gunaahon se us din ki tarah paak ho gaya jis din ke uski maa ne usey janaa tha.

To be contd....

﷽ بِســـمِ اللَّـهِ الرَّحٌمــَنِ الرَّحِيــٌم

आला हजरत की मोहबत तो हमारी जान है


हम रजा वालो के उपर हजरत ताजुशशरिअह का फैजान है

गौस वाले हो तो मत मिलना वहाबी से कभी


ये बरैली के हमारे हजरत ताजुशशरिअह का एलान है


या एलाही हस्रॆ मे अहमद रजा का साथ हो


जितने है अहले सुन्न सब का यही अरमान है


लिख दिया जाऐ जमीन पर इमाम अहमद रजा


देख लुगा मै भी कितने जोर पर तुफान है...!!

हज़रत बाबा कुतबुद्दीन बखतियार काकी जो हुज़ूर
सुलतानुल हिंद ख़्वाजा गरीब नवाज़ के
आला खलीफा है
        एक मर्तबा आप के पास मुरीदो की भीड़ लगी हुई थी आप ने एक शख्स
को बुलाया और कहा 5 दिरहम ले मेरे कफन
की चोरी मत करना
( वो कफन चोर था ) उसने
कहा हुज़ूर तौबा करता हू कभी चोरी नही
करूँगा वो वहा से चला गया आप दुनिया से
पर्दा फ़रमा गये आप की नमाज़े जनाज़ा
शरायत के मुताबिक पढाई गई वो शख्स भी
शामिल था मिट्टी के वक़्त भी शामिल था
जब सारे लोग चले आये तब ये शख्स सोचने लगा
पीर साहब का कफन चुरा लू तो पैसे और बड़ जाएंगे
जैसे ही उसने कब्र खोदना शुरू की तो देखता
किया है कबर से खुशबु आ रही है क्यू न खुशबू
आये कि हमारे नबी की जलवानुमाई हो गई है
जिस मर्दे मोमिन की कबर मे नबी की जलवा
गरी हो जाये उसकी कबर से खुशबू आती ही रहेगी इंशा अल्लाह
उसने जैसे ही कफन पर हाथ लगाने की कोशिश
की आप ने उसका हाथ पकड़ लिया वो ज़ोर
ज़ोर से चिल्लाने लगा सरकार छोड़ दो नही
तो मै मर जाऊँगा आप ने फ़रमाया एक जन्नती
हो कर जन्नती का कफन चुराने आया है उसने
कहा हुज़ूर मै कैसे जन्नती हो गया हू मै तो
बहोत गुनाह गार हू आप के मना करने के बाद
भी आप के कफन की चोरी करने चला आया आप
तो मरने के बाद भी ज़िंदा है आप ने इरशाद फ़रमाया
जा चला जा पूरी दिल्ली मे ऐलान कर दे
जिस जिस ने कुतबुद्दीन की नमाज़े जनाज़ा
मे शिरकत फ़रमाई अल्लाह ने सब के गुनाहो
को माफ़ कर दिया है और सब को जन्नत मे
दाखिल फ़रमा लिया है

माशा अल्लाह क्या शान है अल्लाह के वलीयों की

Sunday, 3 January 2016

َ
1. अगर दरवाज़ा खटखटाने पर अंदर से पूछा जाए के कौन है? तो जवाब में अपना नाम कहना चाहिए, मै हूँ कहना काफी नही. सरकारे दोआलम सल्लल्लाहो अलयहे
वसल्लम जब किसीके दरवाज़े पर तशरीफ़ ले जाते तो दरवाज़ेके सामने नहीं खड़े होते बल्कि दरवाज़ेसे हटकर दाहिने या बाए खड़े होते .
(हवाला:- अबुदावूद शरीफ)
2. सरकारे दोआलम सल्लल्लाहो अलयहे वसल्लम का इरशादहै के सलाम कलाम
(बातचीत) से पहले करना चाहिए.
(हवाला:-तिर्मिज़ी शरीफ)
3. सलाम करनेसे आपसमे मोहब्बत बढ़ती है, इसलिए सलाम को रिवाज दो.
(हवाला:-मुस्लिम शरीफ)
4. सलाम में पहल करनेवाला गुरुर और घमंडसे पाक है.
(हवाला:- बैहक़ी शरीफ)
5. तुममेसे कोई जब किसी मज्लिसमे पहुंचे तो सलाम करे, फिर अगर बैठना चाहे तो बैठ जाए और जब चलने लगे तो दोबारा सलाम करे. (हवाला:-तिर्मि
ज़ी शरीफ)
6. जो लोग कुर्रान शरीफ या वाअज़ सुनने-सुनानेमे लगे हो या पढ़ने-पढ़ानेमे लगे हो तो
उन्हें सलाम न किया जाए.
7. जब तुम अपने घरमे दाखिल हो तो घरवालोको सलाम करो, इसलिए के तेरा सलाम तेरे और तेरे घरवालो केलिए बरकतका सबब होगा. (हवाला:-तिर्मिज़ी शरीफ)
8. जो शख्स सलाम करनेमे गैरोका तरिका अपनाए वोह हममेंसे नहीं है. यहूदी और नसाराका तरिका न अपनाओ. यहोदियोंका सलाम उंग्लियो के इशारेसे है और नसाराका सलाम हथेलियोकेँ इशारे से है.
(हवाला:-तिर्मिज़ी/मिश्कात शरीफ)
9. खत में सलाम लिखा हो तो उसकाभी जवाब देना वाजिब है. इसकी दो सूरते है, एक तो यह के ज़ुबानसे जवाब दे, दुसरा यहके सलामका जवाब लिखकर भेज दे.
(हवाला:-बहारे शरीयत / दुर्रे मुख्तार और शमी, जिल्द- 5, सफ़्हा-275)
10. खत में किसीने लिखा के फुला को सलाम कहो तो जिसको खत लिखा गया है उस पर सलाम का पहोंचाना वाजिब नहीं, अगर पहोंचाएगा तो सवाब पाएगा.
11. किसीने कहा के फुला को मेरा सलाम कह देना और उसने वादा कर लिया तो सलाम पहचाना वाजिब है. अगर नहीं पहुचाएगा तो गुनाहगार होगा.
(हवाला:- फतवा आलमगिरी)
12. सरकारे दोआलम सल्लल्लाहो अलयहे वसल्लम का इरशाद है के जब दो मुसलमान आपसमे मिलते है और मुसाफह करते है तो उन दोनोंके जुदा होनेसे पहले उनको बख्श दिआ जाता है.
(हवाला:-तिर्मिज़ी शरीफ)
13. आपसमे मुसाफा किया करो के इससे दुश्मनी दूर होगी.
(हवाला:-तिर्मिज़ी शरीफ)
14. बरकत के लिए आलिम और परहेज़गार आदमी का हाथ चुमना जाएज़ है.
(हवाला:- दुर्र्रे मुख्तार)

Aaj Ke Sawalaat ...

1. Ek Wali Hindustan Me Aaram Farma Rahe Hain Jinhone 12 Saal Tak Ek Hi Jagah Par Khade Rehkar Ibaadato Riyaazat Ki Thi Unka Naam Kya Hai Aur Wo Kaha Aaram Farma Rahe Hain ...?

2. Sabse Pehle Zohar Ki Namaaz Kaunse Nabi Ne Padhi ...?

Jawabaat ...

1. Wo Hazrat Khwaja Makhdoom Alauddin Ali Ahmed Saabir رضي الله عنه
Hain Jo Kalyar Shareef District Roorkee Me Aaram Farma Rahe Hain ...

2. Hazrate Dawood علیہ السلام Ne Padhi ...

��HAATH AUR QADAM CHUMNA SHIRK NAHI��

��HADITH:

Hazrat Abdur Rehman bin Abu Laila se riwayat hai ki Hazrat Abdullah bin Umar ne mujh se guftugu farmayi aur Ek waqiya bayan karte huwe farmaya: "Hum Huzoor Nabi e Kareem ke qareeb huwe aur hum ne Aap ke DAST E AQDAS KO BOSA (CHUMA) DIYA."
[ ●SUNAN ABU DAWOOD, KITAB UL ADAB;
  ●BAIHIQI FI SUNAN AL KUBRA, JILD 7, PG 101;
  ●BAIHIQI FI SHOBUL IMAAN, JILD 6, PG 476]

��HADITH:

Hazrat Zare'e jo ki wafad Abdul Qais mein shamil the bayan karte hai: Jab hum Madina Munawara hazir huwe to tezi se apni sawariyo se utar kar Rasulullah ke DAST E AQDAS AUR PAAO MUBARAK KO CHUMNE LAGE."
[ ●SUNAN ABU DAWOOD, KITAB UL ADAB;
  ●IMAM BUKHARI FI ADAB UL MUFRAD, JILD 1, PG 339;
  ● TABRANI FI MAUJAMIL KABEER, JILD 5, PG 275;
  ●HAITHAMI FI MAJMUAZ ZAWAID, JILD 9, PG 2]

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Ek Shakhs Ke Yaha Sirf BETIYA [Girl] Hi Thi Har
Martaba Us Ko Ummid Hoti Ke Is Martaba BETA
Peda Hoga
Magar Har Baar Ladki Hi Peda Hoti
Aisa Karte Karte Us Ke Yaha 6 Ladkiya Ho Gai
Us Ki Biwi Phir Se HAMELA[PREGNET]-Huwi,
Who DAR Raha Tha Ke Kahi Phir Se Ladki Na
Peda Ho Jaye Sheitan Ne Us Ko BEHKAYA Ke
Agr Is Martaba Bhi Ladki Peda Huwi To Me Apni
Biwi Ko TALAAQ De Dunga
Jab Who RAAT Ko Soya To Us Ne Ek AJEEB o
GAREEB KHWAB Dekha
Us Ne Dekha Ke QAYAMAT BARPA Ho Chuki He
or
Is Ke GUNAAH Bahut Ziyada He Jis Ki Wajah Se
Us Par JAHANNAM WAJIB Ho Chuki He Lihaza
Farishto Ne Us Ko Pakara Or Us Ko Jahannam Ki
Taraf Le Gaye Jab Pehle Darwaze Par Gaye To
Dekha Ke Darwaze Par Us Ki Ek Ladki Khari He
Jis Ne Us Ko Jahannam Me Jane Se Rok Diya
Phir Farishte Us Ko Dusre Darwaze Par Le Gaye
To Waha
Us Ki Dusri Ladki Khari Thi Jo Us Ke Liye AAR
Ban Gai
Phir Farishte 3 4 5 6 Darwaze Par Le Gaye
Lekin Har Darwaze Par Us Ki Koi Ladki Khari
Hoti Jo Us Ko
Jahannam Me Jane Se Rokti Rahi
AB 7SATWA DARWAZA BAQI Tha
Farishte Us Ko Le Kar 7 Darwaze Par Le Gaye
Ab Us Ko GHABHRAHAT Hone Lagi Ke
Ab Us Darwaze Par Mere Liye Kon Rukawat
Banega???
Us Ko Maloom Ho Gaya Ke Jo TALAAQ Ki Niyyat
Us Ne Ki Thi
Who Galat He
Who Bahut Pareshan Huwa or Usi Khouf or
Pareshani Ke Aalam Me Us Ki AANKH Khul Gai
Us Ne ALLAH Ke Samne Hath Uthaya Or Duwa
Mangi Ke
YA ALLAH Mujhe 7 Ladki Ata Farma.

(Ref:Sunehri Kirne)
So Dosto Betiya Allah Ki Rahmat He

Allah Hame sahi Samajh Ata Farmaye (AAMEEN)

Is post Ko Jada se Jada SHARE Karen yah
Bahut Qeemti Msg hai.

( Bismillah_Hirrahma_Nirrahim )
AAQA  KI SHAAN )

  Aaj Kuchh Log
Pyare Nabi E  Kareem
( Sallallaho-Allayhi
Wassallam )
Ko Apne Jaise BASHAR
Kehte Hai. Lekin Haqiqat To Ye Hai
Sarkar GAUSE PAAK Farmate Hai Ke Koi
UMMATI Chahe Kitna Hi MAQBUL O MUQARRAB Q Na Ho Jaye Ek SAHABI-E-RASOOL Ke Paav Ki Dhool Ko Bhi Nahi Pahuch Sakta,
Jab Koi Ummati Sahabi-E-RASOOL Ke Brabar Nahi Ho Sakta Toh Mere
Aaqa Sallallahu Alaihi Wassallam
Apne Jaise Bashar Kaise Ho Sakte Hai?

"ALLAHUMMA SALLIALA SAYYEDNA
MUHAMMADIM BIADADI KULLI
ZIKARIHI ALFA ALFI MAR-RATIN"

वहाबी दैवबन्दी लोग नियाज (फाताह) का क्यो नही खाते

मुझसे एक सहाब ने पूछा कि क्या बात है अजमती भाई ये दैवबन्दी बहावी लोग नियाज (फाताह) की चीज क्यो नही खाते
मेने उन सहाब से कहा भाई ये उनका जाती मामला है ये सवाल उनसे पुछो
तो उस शख्स ने कहा आप बताये
मेने कहा मे एक हदीस सुनाता हूँ आप समझ जाना
मेने कहा कि बुखारी की हदीस शरीफ मे है कि जिस खाने पर बिस्मिल्लाह शरीफ पढ ली जाये तो शैतान उस खाने को नही खाता जिस खाने पर बिस्मिल्लाह नही पढी जाये तो वह खाना शैतान खालेता है

अब आप गौर करो कि नियाज (फाताह) मे बिस्मिल्लाह शरीफ ही नही आजूबिल्लाह भी पढलीया चारो कुल शरीफ पढलिये
अब इस खाने को शैतान क्या शैतान का अगर बाप भी खाना चाहे तो नही खा सक्ता

ये बहावी दैवबन्दी लोग शैतान की ही औलाद है ये भी बिस्मिल्लाह शरीफ की पढी हुई चीज नही खाते
ये लोग भी शैतान है