1. खुदा ने महबूब को मां के पेट से
पैदा किया ताकि लोग खुदा ना समझें ।
2. बचपन मे बकरियाँ चरवाई ताकि लोग
खुदा ना समझें ।
3. आप ने निकाह कीया ताकि लोग
खुदा ना समझें ।
4. आप ने खाली पेट फाके किये ताकि लोग
खुदा ना समझें ।
5. आप ने नमाजे पडी अल्लाह की तिलावत
की ताकि लोग खुदा ना समझें ।
लेकिन -
1. अल्लाह ने आप को अपना हबीब
बनाया ताकि लोग अपनी तरह ना समझें ।
2. आप के पसीने मुबारक से खुशबू
अता की ताकि लोग अपनी तरह ना समझें ।
3. आप कि हाथों कि उंगलियों से पानि के चश्मे
बहाए ताकि लोग अपनी तरह ना समझें ।
4. आप कि उंगलियों के इशारे से चांद के दो टुकडे
किये ताकि लोग अपनी तरह ना समझें ।
5. आप के जिस्मे पाक
का कभी भी शाया ना पडा ताकि लोग
अपनी तरह ना समझें ।
Agar pasand aaye to share jarur kare...
इस्लाम की कुछ खास बाते,
प्लीज इसे जरूर पढ़े और अच्छा लगे
तो ज्यादा से ज्यादा share करे और
अपने दोस्तों को टैग करे.....
1. किसी को दुःख देने
वाला कभी खुश नहीं रह सकता (हजरत
अबू बकर सिद्दीक R.A.)
2. किसी की बेबसी पर मत हसो ये
वक़्त तुम पर भी आ सकता है (हजरत उमर
फारूक R.A.)
3. किसी की आँख तुम्हारी वजह से नम
न हो ! क्यूँ के तुम्हे उसके हर आंसू का क़र्ज़
चुकाना होगा (हजरत उस्मान
गनी R.A.)
4. मजलूम और नमाज़ी की आह से
डरो क्युकी आह
किसी की भी हो अर्श को चिर कर
अल्लाह के पास जाती है ! (हजरत
अली R.A.)
5. उस दिन पे आँशु बहाव जो तुमने
नेकी के बिना गुजर है (हजरत अबू बकर
R . A.)
6. जालिमो को माफ़
करना मज़लूमो पे जुल्म है (हजरत उमर
R.A.)
7. ज़बान दुरुस्त हो जाये तो दिल
भी दुरुस्त हो जाता है ! (हजरत उमर
R.A.)
8. जहा तक हो सके लालच से
बचो लालच में ज़िल्लत है ज़िल्लत (हजरत
अली R.A.)
हज़रात मुहम्मद सल्लाह्हो अलय्हे व
सल्लम ने फ़रमाया:
4 चीजे आपको परेशान और बीमार
करती है !:
1. ज्यादा बाते करना
2. ज्यादा सोना
3. ज्यादा खाना
4. ज्यादा लोगो से मिलना - जुलना
4 चीजे आपको ख़तम करती है :
1. टेंशन
2. गम
3. भूक
4. देर से सोना
अल्लाह करे अगले साल आप और आपके घर
वालो के हांथो को गिलाफ - इ -
काबा पकड़ना नसीब हो,
आपके होंतो को हज्र - इ - अस्वाद
का बोस नसीब हो,
आप के कयाम आप के रुकु सजदों और
इबादतों को मस्जिद - उल - हरम
का फर्श नसीब हो,
जब लब पर दरूद - इ - पाक
हो तो सामने रोज़ा - इ - रसूल हो ,
वहा मांगी आपकी हर दुआ कबूल हो
3 hours ago
यह मैसेज छोटा है पर बहुत बड़ी सिख देगा
हज़रात अली ने फ़रमाया हमेसा समझोता करना सीखो क्यूंकि थोडा सा झुक जाना किसी रिश्ते का हमेशा के लिए टूट जाने से बेहतर है इस पर , आप सल्लल्लाहु अलैहि वस्सलाम ने फ़रमाया : अगर झुक जाने से तुम्हारी इज्जत घट जाये तो क़यामत के दिन मुझसे ले लेना
سبحان الله
नबी करीम (सल्लाहु वलैहि वस्सलाम ) ने फरमाया : इन मौक़ों पर फ़ौरन दुआ मांगो .., उस वक़्त दुआ रद्द नहीं होगी ,
1) जब धुप में बारिश हो रही हो ,
2) जब अज़ान हो रही हो .
3) सफर के दोरान ..
4) जुमा के दिन ..
5) रात को आँख खुले तो उस वक़त ..
6) मुसीबत के वक्त ..
7) फ़र्ज़ नमाज़ों के बाद ..
आप (सल्लाहु वलैहि वस्सलाम ) ने फरमाया : अल्लाह उस के चेहरे को रोशन करे जो हदीस सुन के आगे पोहंचता है ."
1) سبحان الله
2)الحمد لله
3) الله اكبر
सबसे पहले सेंड करदो , क्यूंकि जबतक कोई यह MSG पढ़ता रहेगा , जन्नत में आप के नाम का पेड़ लगता रहेगा
No comments:
Post a Comment